Tuesday, February 2, 2010

सफ़र

ऊंचाई का डर होता
तो सफ़र शुरू ही नहीं करते|
अब यहाँ तक आये हैं
तो चोटि की बर्फ़ चख के ही जायेंगे|
सुना है बहुत मीठी होती है|

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